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महत्व वस्तु का या समय का

From My Diary
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जब लकडियो और पत्थरो को रगड कर अग्नि प्रज्वलित की जाती थी ,तब अग्नि का बड़ा ही महत्व था ऐ देव तुल्य थी .पूजनीय थी,अब जब ऐ दियासलाई के डिब्बे में बंद मिलती है तो इसका कोई आदर नहीं है.जबकि ऐ आज भी उतनी ही बलवान और महत्वपूर्ण है जितनी पूर्व में थी,इसके तेज में कमी नहीं आई है मगर महत्वा घट सी गई है .
जो वस्तु जीतनी ही ज्यादा कठिनता और परिश्रम से मिलती है , वह उतनी ही मूल्यवान होती. सरलता से उपलब्ध वस्तु के मोल से क्या उसके गुणों को अनदेखा कर देना क्या उचित है ?

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